Home Latest News & Updates खबरदार! 7 साल तक की कैद…5 लाख रुपए जुर्माना, विरोध करने पर देश के इस राज्य में मिलेगी ये कठोर सजा

खबरदार! 7 साल तक की कैद…5 लाख रुपए जुर्माना, विरोध करने पर देश के इस राज्य में मिलेगी ये कठोर सजा

by Sanjay Kumar Srivastava
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इस विधेयक के खिलाफ बोलने वाले एक तरह से वामपंथी उग्रवाद की विचारधारा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. फडणवीस ने कहा कि विरोध करने या सरकार के खिलाफ बोलने के अधिकार को नहीं छीना है.

Nagpur: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि राज्य विधानसभा द्वारा हाल ही में पारित महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक, 2024 ‘शहरी नक्सलवाद’ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में मदद करेगा. इस विधेयक के खिलाफ बोलने वाले एक तरह से वामपंथी उग्रवाद की विचारधारा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. फडणवीस ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इस विधेयक ने किसी के भी विरोध करने या सरकार के खिलाफ बोलने के अधिकार को नहीं छीना है. इस विधेयक को वामपंथी उग्रवादी संगठनों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से लाया गया है. इस विधेयक के तहत सात साल तक की कैद, 5 लाख रुपये तक का जुर्माना और इसके तहत दर्ज अपराधों को संज्ञेय और गैर-जमानती के रूप में वर्गीकृत करना शामिल है. इस विधेयक को राज्य विधानसभा ने गुरुवार को और विधान परिषद ने शुक्रवार को पारित किया. राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद यह लागू हो जाएगा.

शहरी नक्सलवाद पर बरसे फडणवीस

भाजपा विधायक सुमित वानखेड़े के वर्धा जिले में गांधीवादी संस्थानों में “शहरी नक्सलवाद” के घुसने के दावे के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में “शहरी नक्सलवाद” को बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से बढ़ावा दिया गया है. उन्होंने कहा कि जब उन्हें पता चला कि जंगलों में उनके कैडर कम हो रहे हैं, तो उन्होंने (माओवादियों ने) एक रणनीतिक बदलाव किया. उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों या विभिन्न अन्य संगठनों में घुसकर वहां के संवैधानिक शासन को खत्म करने और इन शहरी कैडरों के माध्यम से अराजकता पैदा करने का फैसला किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उन लोगों को देख सकते हैं जो बंदूकों के साथ हमारे खिलाफ लड़ रहे हैं, लेकिन ये शहरी (नक्सली) कैडर अदृश्य हैं और धीरे-धीरे हमारी व्यवस्था को भ्रष्ट कर रहे हैं. इसलिए यह नया कानून शहरी नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने में हमारी मदद करेगा.

महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक, 2024 पारित

महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक, 2024 पर एक अन्य प्रश्न के उत्तर में फडणवीस ने कहा कि उन्हें खुशी है कि राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों ने इसे पारित कर दिया है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक को पेश करने में हम एक बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया से गुजरे हैं. उन्होंने कहा कि विधेयक को सभी दलों के नेताओं के समक्ष रखा गया और हर खंड पर चर्चा की गई. हमने समिति (राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों की संयुक्त प्रवर समिति) के सभी सुझावों को शामिल किया. समिति की रिपोर्ट पर एक भी असहमति का नोट नहीं था. फडणवीस ने कहा कि 12,000 सुझाव प्राप्त हुए थे जिन पर विचार किया गया और आवश्यक बदलाव किए गए. इसके बाद दोनों सदनों में चर्चा के बाद विधेयक को मंजूरी दे दी गई.

न्याय व्यवस्था को और तेज बनाने की जरूरत

उन्होंने कहा कि इसलिए अब हमें भारतीय संविधान को स्वीकार न करने वाली और इसके खिलाफ काम करने वाली शक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने का मौका मिलेगा. कुछ लोग विधेयक को पढ़े बिना ही इसके खिलाफ बोल रहे हैं. अगर वे इसे पढ़ेंगे तो वे इसके खिलाफ कभी नहीं बोलेंगे . मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि जो लोग इस विधेयक के ख़िलाफ़ बोल रहे हैं, वे एक तरह से वामपंथी उग्रवाद की विचारधारा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. इस विधेयक ने किसी का भी सरकार के ख़िलाफ़ विरोध करने, बोलने या लिखने का अधिकार नहीं छीना है. देश की न्याय व्यवस्था के सामने मौजूद अनोखी चुनौतियों और उसे सुधारने की सख़्त ज़रूरत संबंधी भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई के हालिया बयान के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी बिल्कुल सही थी. उन्होंने कहा कि हमारी आपराधिक न्याय व्यवस्था को और तेज़ बनाने की ज़रूरत है.

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