Justice Yashwant Varma: लोकसभा में इस प्रस्ताव को लाने के लिए कम से कम 100 सांसदों के हस्ताक्षर की जरूरत होगी जबकि राज्यसभा के लिए कम से कम 50 सांसदों के हस्ताक्षर की जरूरत पड़ेगी.
Justice Yashwant Varma: इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को जानकारी दी कि प्रमुख विपक्षी दलों की तरफ से यशवंत वर्मा को पद से हटाने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक रुप से मंजूर कर लिया है. इसके बाद सांसदों के साइन करने की प्रोसेस भी जल्द शुरु कर दी जाएगी. हालांकि अभी ये तय नहीं है कि इस प्रस्ताव को दोनों सदनों में से कौनसे सदन में लाया जाएगा.
गौर करने वाली बात है कि लोकसभा में इस प्रस्ताव को लाने के लिए कम से कम 100 सांसदों के हस्ताक्षर की जरूरत होगी जबकि राज्यसभा के लिए कम से कम 50 सांसदों के हस्ताक्षर की जरूरत पड़ेगी. जब ये तय हो जाएगा कि संसद के किस सदन में प्रस्ताव लाया जाएगा तो इसके बाद सांसदों के हस्ताक्षर एकत्रित किए जाएंगे.
जस्टिस यशवंत वर्मा, जो दिल्ली हाई कोर्ट के जज रहे हैं, पर आरोप है कि उनके नई दिल्ली स्थित सरकारी आवास के स्टोर रूम में 14 मार्च 2025 को आग लगने की घटना के बाद भारी मात्रा में नकदी (कथित तौर पर 500 रुपये के जले-अधजले नोट) मिली थी। यह खुलासा दिल्ली फायर सर्विस और पुलिस अधिकारियों ने किया, जिन्होंने घटनास्थल पर नोटों के ढेर देखे, जिनकी ऊंचाई लगभग 1.5 फीट बताई गई. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि यह राशि 15 करोड़ रुपये तक हो सकती है.
जस्टिस वर्मा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके या उनके परिवार के पास स्टोर रूम में कोई नकदी नहीं थी और यह उनके खिलाफ साजिश है. उन्होंने दावा किया कि उन्हें न तो जली हुई नकदी की बोरियां दिखाई गईं और न ही सौंपी गईं.
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