Home Religious सिद्धिविनायक ही नहीं, जयपुर का मोती डूंगरी गणेश मंदिर भी है मन्नतों का धाम; जानिए इसका इतिहास, महत्व और दर्शनीय स्थल

सिद्धिविनायक ही नहीं, जयपुर का मोती डूंगरी गणेश मंदिर भी है मन्नतों का धाम; जानिए इसका इतिहास, महत्व और दर्शनीय स्थल

by Jiya Kaushik
0 comment

Moti Dungari Ganesh Mandir: अगर आप इस बार गणेश चतुर्थी पर किसी ऐसे स्थल की तलाश में हैं जो आध्यात्मिकता और अनुभव से भरपूर हो, तो जयपुर का मोती डूंगरी गणेश मंदिर जरूर जाएं. कहते हैं यहां सच्चे मन से मांगी हर मुराद पूरी होती है.

Moti Dungari Ganesh Mandir: राजस्थान की राजधानी जयपुर को उसके महलों, किलों और रंग-बिरंगे बाजारों के लिए जाना जाता है, लेकिन इस शहर में एक और खास आकर्षण है, मोती डूंगरी गणेश मंदिर. यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से विशेष है, बल्कि इसकी वास्तुकला, इतिहास और उससे जुड़ी लोककथाएं इसे एक अलग ही पहचान देती हैं. यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था का प्रतीक है, जहां हर साल लाखों लोग अपनी मन्नतों के साथ पहुंचते हैं.

मोती डूंगरी गणेश मंदिर, जहां भक्तों की हर मुराद होती है पूरी

गणेश चतुर्थी का पावन पर्व जैसे-जैसे करीब आता है, पूरे देश में बप्पा के भक्तों में उत्साह की लहर दौड़ जाती है. सिद्धिविनायक मंदिर के दर्शन की तो बात ही कुछ और है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक और ऐसा ही प्रसिद्ध और शक्तिशाली गणेश मंदिर है, जो राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित है? यह है मोती डूंगरी गणेश मंदिर, जो अपनी पवित्रता, भव्यता और मान्यताओं के लिए विश्वविख्यात है। यहां हर बुधवार को भक्तों का मेला लगता है और गणेश चतुर्थी पर लाखों श्रद्धालु आशीर्वाद लेने आते हैं.

400 साल पुराना मंदिर, जहां राजा की बैलगाड़ी ने तय किया मंदिर का स्थान

मोती डूंगरी गणेश मंदिर का इतिहास करीब 400 साल पुराना माना जाता है. कहा जाता है कि 1761 में सेठ जय राम पल्लीवाल की देखरेख में इस मंदिर का निर्माण मात्र चार महीने में पूरा हुआ था. इसकी सबसे रोचक बात यह है कि गणेश जी की मूर्ति एक बैलगाड़ी में यात्रा करते हुए लाई जा रही थी और यह संकल्प लिया गया था कि जहां बैलगाड़ी रुकेगी, वहीं भगवान का मंदिर बनेगा. गाड़ी डूंगरी की पहाड़ी के नीचे रुक गई और यहीं बना आज का विश्वप्रसिद्ध मोती डूंगरी गणेश मंदिर. इस मंदिर की वास्तुकला राजस्थानी पत्थर से बनी है जो अपने आप में एक आकर्षण है.

राजस्थान का सबसे बड़ा गणेश मंदिर

इस मंदिर का धार्मिक और सामाजिक महत्व बेहद खास है. मोती डूंगरी गणेश मंदिर सिर्फ जयपुर ही नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध गणेश मंदिरों में गिना जाता है. यहां रोज़ाना हज़ारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और खासकर बुधवार को मंदिर में एक विशेष मेले जैसा माहौल होता है. गणेश चतुर्थी पर तो लाखों की संख्या में लोग दर्शन के लिए उमड़ते हैं. मंदिर परिसर में शिवलिंग, लक्ष्मी-नारायण और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी विराजमान हैं, जो श्रद्धालुओं की आस्था को और गहराई देती हैं.

जानिए मंदिर का समय और यात्रा की जानकारी

मोती डूंगरी गणेश मंदिर में दर्शन का समय सुबह 5:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक, फिर शाम 4:30 बजे से रात 9:00 बजे तक होता है. खास बात यह है कि मंदिर में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता. दर्शन के लिए यह पूरी तरह निशुल्क और सभी भक्तों के लिए खुला है. गणेश चतुर्थी के अवसर पर यहां की सजावट और रौनक देखते ही बनती है, ऐसे में यात्रा करने का यह सबसे शुभ समय माना जाता है.

मंदिर के आसपास हैं कई पर्यटन स्थल

जयपुर का यह क्षेत्र सिर्फ आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी काफी समृद्ध है. मोती डूंगरी गणेश मंदिर के आसपास घूमने के लिए कई शानदार जगहें हैं. आप मंदिर दर्शन के बाद हवा महल, आमेर किला, सिटी पैलेस, नाहरगढ़ किला, जयगढ़ किला, रामबाग पैलेस, महारानी की छतरी, और जंतर-मंतर जैसे प्रसिद्ध स्थलों का भी लुत्फ उठा सकते हैं.

जाने कैसे पहुंचे मोती डूंगरी

यह मंदिर जयपुर के मध्य में स्थित है और यहां पहुंचने के लिए सड़क, रेल और हवाई मार्ग – तीनों विकल्प मौजूद हैं.
हवाई यात्रा: सबसे नजदीकी एयरपोर्ट सांगानेर एयरपोर्ट है, जो मंदिर से लगभग 10 किलोमीटर दूर है. वहां से टैक्सी, ऑटो या कैब लेकर मंदिर पहुंचा जा सकता है.
रेल यात्रा: जयपुर रेलवे स्टेशन मंदिर से करीब 6-7 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां से भी टैक्सी या ऑटो आसानी से मिल जाते हैं.
सड़क मार्ग: जयपुर राष्ट्रीय राजमार्गों से अच्छी तरह जुड़ा है. राजस्थान के भीतर और बाहर से आप सड़क मार्ग से आसानी से यहां पहुंच सकते हैं.

सिद्धिविनायक के बाद मोती डूंगरी; आस्था और अद्भुत आर्किटेक्चर का संगम

जयपुर का मोती डूंगरी गणेश मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक ऐसी जगह है जहां आस्था, इतिहास और सुंदरता का अद्भुत संगम होता है. गणेश चतुर्थी जैसे पावन अवसर पर यहां दर्शन करने का अपना ही एक विशेष महत्व है. जयपुर की इस धरोहर का धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन में विशिष्ट स्थान है. अगर आप गणेश चतुर्थी पर एक दिव्य अनुभव की तलाश में हैं, तो इस बार मोती डूंगरी मंदिर की यात्रा जरूर करें.

यह भी पढ़ें: क्या आप जानते हैं महाराष्ट्र के अष्टविनायक मंदिर का रहस्य? यहां जानें गणपति के आठ अद्भुत रूपों की अनसुनी कथा

You may also like

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00