Home Education DU में पढ़ने का सपना देख रहे स्टूडेंट्स के काम की खबर, कहीं मिस न हो जाए एडमिशन का चांस

DU में पढ़ने का सपना देख रहे स्टूडेंट्स के काम की खबर, कहीं मिस न हो जाए एडमिशन का चांस

by Vikas Kumar
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Delhi University

दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉन-कॉलेजिएट विमेन्स एजुकेशन बोर्ड ने एडमिशन प्रोसेस शुरू कर दिया है. 26 सेंटर्स में 15,200 सीटें अवेलेबल बताई जा रही हैं.

NCWEB UG admissions: दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन का सपना देख रहे स्टूडेंट्स के काम की खबर सामने आई है. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉन-कॉलेजिएट विमेन्स एजुकेशन बोर्ड (NCWEB) ने मंगलवार को एकेडेमिक ईयर के लिए अपने अंडरग्रेजुएट एडमिशन की शुरुआत कर दी है. बात अगर सीटों की करें तो 26 सेंटर्स में 15,200 सीटें अवेलेबल हैं. NCWEB विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए डिजाइन किया गया है जो व्यक्तिगत, सामाजिक या वित्तीय परेशानियों की वजह से रेगुलर कॉलेज नहीं जा पाती हैं. NCWEB के तहत वीकेंड क्लासेस और मेरिट बेस्ड एडमिशन के माध्यम से हाई एजुकेशन के लिए एक शानदार विकल्प मुहैया कराया जाता है.

क्या है इसका लक्ष्य?

NCWEB दो स्नातक कार्यक्रम प्रदान करता है – बीए (प्रोग्राम) और बी.कॉम – और यह विशेष रूप से दिल्ली में रहने वाली महिलाओं के लिए ओपन है. प्रवेश कक्षा 12 के अंकों के आधार पर होते हैं, न कि CUET के आधार पर, और पंजीकरण तीन सप्ताह के लिए खुला रहता है. NCWEB की डायरेक्टर प्रोफेसर गीता भट्ट ने इस संंबंध में न्यूज एजेंसी PTI से बात की. गीता भट्ट ने PTI को बताया, “नॉन-कॉलेजिएट विमेन्स एजुकेशन बोर्ड (NCWEB) वास्तव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पहल का प्रतीक है.” भट्ट ने कहा, “डीयू की यह संस्था उन लड़कियों के लिए उम्मीद की किरण है जो आर्थिक या सामाजिक चुनौतियों के कारण नियमित कॉलेज नहीं जा पाती हैं. यह उन्हें अपनी शिक्षा जारी रखने और समाज में सार्थक योगदान देने का मौका देता है.”

कब होती हैं क्लासेस?

NCWEB DU के विभिन्न कॉलेजों में शनिवार या रविवार को सप्ताहांत कक्षाएं आयोजित करता है, जिससे महिलाओं के लिए शिक्षा के साथ-साथ घरेलू जिम्मेदारियों, नौकरियों या देखभाल के कामों को बैलेंस करना ईजी हो जाता है. बोर्ड यूनिवर्सिटी की बड़ी ई-लाइब्रेरी और मेजबान कॉलेजों की लाइब्रेरी तक पहुंच भी प्रदान करता है. एलिजिब स्टूडेंट्स के लिए वित्तीय सहायता और पुस्तक ऋण सुविधाएं उपलब्ध हैं. प्रोफेसर भट्ट ने कहा, “यह एक अनूठा मॉडल है जो हमें डीयू के मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग करके हजारों महिलाओं को न्यूनतम लागत पर शिक्षित करने की अनुमति देता है.” 1944 में केवल तीन छात्रों के साथ स्थापित एनसीडब्ल्यूईबी में अब 31,000 से अधिक नामांकित शिक्षार्थी हैं. यह पहल केवल शिक्षाविदों के बारे में नहीं है – यह महिलाओं को पसंद की गरिमा, स्वतंत्रता की शक्ति और बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए उपकरण प्रदान करने के बारे में है. इच्छुक लोग डीयू के आधिकारिक प्रवेश पोर्टल https://ncwebadmission.uod.ac.in/ के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं और पंजीकरण विंडो बंद होने के बाद पहली मेरिट सूची जारी की जाएगी.

ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र में हिंदी भाषा पर सियासी पारा हाई, कांग्रेस ने BJP-RSS को घेरा, लगा दिया बड़ा आरोप

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