Home Top News दिल्ली में मानसून तोड़ेगा 16 साल का रिकॉर्ड! IMD ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की, जानें अपडेट

दिल्ली में मानसून तोड़ेगा 16 साल का रिकॉर्ड! IMD ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की, जानें अपडेट

by Rishi
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Weather Updates

Weather Updates: मानसून की तेज गति के पीछे बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने चक्रवाती हवाओं का मजबूत सिस्टम है. इस साल मानसून ने 27 मई को केरल में सामान्य से तीन दिन पहले दस्तक दी थी.

Weather Updates: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मानसून ने इस बार समय से पहले दस्तक दी है, जिससे 16 साल पुराना रिकॉर्ड टूटने की संभावना है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 21 जून 2025 को दिल्ली में प्रवेश किया, जो सामान्य तिथि 27 जून से करीब छह दिन पहले है. यह 2009 के बाद पहली बार है, जब मानसून इतनी जल्दी दिल्ली पहुंचा है. इस ऐतिहासिक घटना ने न केवल दिल्लीवासियों को भीषण गर्मी से राहत दी है, बल्कि उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की गई है.

क्या है भारी बारिश का कारण?

IMD ने बताया कि मानसून की तेज गति के पीछे बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने चक्रवाती हवाओं का मजबूत सिस्टम है. इस साल मानसून ने 27 मई को केरल में सामान्य से तीन दिन पहले दस्तक दी थी, जिसके बाद यह तेजी से उत्तर की ओर बढ़ा. दिल्ली में मानसून के जल्दी आने से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. शनिवार को अधिकतम तापमान 37.3 डिग्री सेल्सियस से घटकर 33 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहा.

इन राज्यों के लिए बारिश का अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के लिए 21 से 26 जून तक भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. दिल्ली में अगले 48 घंटों में तेज हवाओं (40-60 किमी/घंटा) के साथ मध्यम से भारी बारिश की संभावना है. IMD ने येलो अलर्ट जारी करते हुए जलभराव, यातायात जाम और बिजली आपूर्ति में व्यवधान की चेतावनी दी है. साथ ही, मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है.

स्काईमेट वेदर के विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल मानसून सामान्य से 105% अधिक बारिश ला सकता है, जो किसानों के लिए वरदान साबित होगा. दिल्ली में सामान्यत: जून में 59.5 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 100 मिमी को पार कर सकता है. यह बारिश न केवल गर्मी से राहत देगी, बल्कि भूजल स्तर को बढ़ाने और कृषि उत्पादन में भी मदद करेगी. हालांकि, भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है.

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