Pakistan Condemns US Strikes In Iran: पाकिस्तान ने अपने बयान में कहा, “ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले अंतरराष्ट्रीय कानून के सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हैं.
Pakistan Condemns US Strikes In Iran: रविवार को अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – पर किए गए हवाई हमलों ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है. इस हमले की कई देशों ने कड़ी निंदा की है, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर अमेरिका के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन करार दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह हमला न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के खिलाफ भी है.
पाकिस्तान ने क्या कहा?
पाकिस्तान ने अपने बयान में कहा, “ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले अंतरराष्ट्रीय कानून के सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हैं. संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत ईरान को अपनी आत्मरक्षा का पूर्ण अधिकार है.” पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने क्षेत्र में बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जताते हुए सभी पक्षों से संयम बरतने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने की अपील की है. बयान में जोर दिया गया कि सैन्य कार्रवाई के बजाय बातचीत ही शांति का एकमात्र रास्ता है.
कुछ दिन पहले ही की थी ट्रंप को नोबेल पीस प्राइज देने की अपील
यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2025 में भारत-पाकिस्तान तनाव को कम करने के लिए कथित तौर पर किए गए कूटनीतिक प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया था. हालांकि, अब अमेरिका द्वारा ईरान पर हमले के बाद पाकिस्तान की यह निंदा उसके रुख में बदलाव का संकेत दे रही है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की यह प्रतिक्रिया इस्लामिक देशों के बीच एकता दिखाने की कोशिश है, क्योंकि ईरान और पाकिस्तान के बीच 900 किलोमीटर की साझा सीमा है, जो दोनों देशों के बीच सामरिक रिश्तों को महत्वपूर्ण बनाती है.
ईरान ने क्या कहा?
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने भी अमेरिकी हमलों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और परमाणु अप्रसार संधि का उल्लंघन बताया है. उन्होंने कहा, “अमेरिका ने हमारी शांतिपूर्ण परमाणु सुविधाओं पर हमला कर एक खतरनाक रेखा पार की है. यह कार्रवाई निंदनीय है और इसके गंभीर परिणाम होंगे.” अराघची ने संकेत दिया कि ईरान जवाबी कार्रवाई के लिए सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है और वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इस मुद्दे पर आपात बैठक बुलाने की मांग करेगा.
पाकिस्तान के अलावा, सऊदी अरब, ओमान, इराक, रूस और चीन जैसे देशों ने भी अमेरिकी हमलों की निंदा की है. सऊदी अरब ने इसे ईरानी संप्रभुता का उल्लंघन बताया, जबकि ओमान ने इसे अवैध आक्रमण करार दिया. रूस ने इसे गैर-जिम्मेदाराना कदम बताते हुए कूटनीतिक समाधान की वकालत की है. दूसरी ओर, यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ ने अमेरिका का समर्थन करते हुए कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है.
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