Health Reminder: खराब खानपान और जीवनशैली से न सिर्फ कैंसर की आशंका बढ़ती है, बल्कि इलाज के दौरान भी कुछ चीजें स्थिति को और खराब कर सकती हैं. जानें किन चीजों से कैंसर मरीजों को दूर रखना चाहिए.
Health Reminder: आजकल कैंसर की बीमारी सिर्फ बुज़ुर्गों तक सीमित नहीं रह गई है. 30 से कम उम्र के लोगों में भी इस गंभीर बीमारी के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. डॉक्टरों का मानना है कि इसकी सबसे बड़ी वजह है आधुनिक जीवनशैली और गलत खानपान की आदतें. खास बात ये है कि जब कोई व्यक्ति कैंसर से जूझ रहा होता है, तब उसके खानपान को लेकर सतर्कता और भी ज्यादा जरूरी हो जाती है. अक्सर परिवार के लोग भावनात्मक रूप से जुड़े होने के कारण बिना सोचे-समझे कुछ भी खाने को दे देते हैं, जो मरीज की हालत बिगाड़ सकता है.
प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड्स बन सकते हैं जहर
चिप्स, बिस्किट, नमकीन, इंस्टेंट नूडल्स जैसी चीज़ें भले ही आमतौर पर स्वादिष्ट लगें, लेकिन कैंसर के मरीजों के लिए ये बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं होतीं. इनमें मौजूद प्रिजरवेटिव्स, कलर्स और फ्लेवर आर्टिफिशियल होते हैं, जो शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ा सकते हैं. डॉक्टर रेखा आर्या बताती हैं कि इन उत्पादों का सेवन इम्यून सिस्टम को और कमजोर करता है, जिससे कैंसर का इलाज प्रभावहीन हो सकता है.
कैंसर सेल्स की सबसे बड़ी खुराक है शुगर

रिसर्च यह साबित कर चुकी है कि कैंसर सेल्स को बढ़ने के लिए शुगर की जरूरत होती है. इसलिए मिठाई, केक, कोल्ड ड्रिंक्स, पैक्ड जूस जैसी चीजें कैंसर मरीजों के आहार से पूरी तरह हटा देनी चाहिए. रिफाइंड शुगर न सिर्फ बीमारी को बढ़ावा देती है, बल्कि शरीर की ताकत को भी तेजी से खत्म करती है.
डेयरी उत्पाद कुछ मरीजों के लिए खतरनाक
दूध और उससे बने उत्पाद सामान्य लोगों के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन जिन मरीजों को हार्मोन-सेंसिटिव कैंसर (जैसे ब्रेस्ट या प्रोस्टेट कैंसर) है, उनके लिए ये चीजें सूजन और हार्मोनल असंतुलन बढ़ा सकती हैं. इसलिए ऐसे मरीजों को डॉक्टर की सलाह के बिना डेयरी का सेवन नहीं कराना चाहिए.
इन से भी हो सकता है नुकसान
कीमोथेरेपी या रेडिएशन के दौरान पाचन प्रणाली बेहद संवेदनशील हो जाती है. इस समय अधिक फाइबर वाला भोजन जैसे छिलके वाले फल, साबुत अनाज आदि पचाना मुश्किल हो सकता है. इसके बजाय हल्का, नरम और सुपाच्य भोजन देना ज्यादा बेहतर होता है, जिससे शरीर पोषण भी पाए और तनाव भी न बढ़े.
हर्बल दवाएं भी हो सकती हैं खतरनाक
कई बार परिजन आयुर्वेदिक या घरेलू नुस्खों से इलाज में मदद करना चाहते हैं, लेकिन बिना डॉक्टर की अनुमति कोई भी हर्बल दवा या सप्लीमेंट देना मरीज की सेहत के लिए घातक साबित हो सकता है. कई बार ये दवाएं कीमोथेरेपी के असर को कम कर देती हैं या उनके साथ रिएक्ट कर साइड इफेक्ट्स पैदा करती हैं.
डॉक्टर की सलाह से ही तय हो मरीज का आहार
कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझते वक्त सिर्फ दवाइयों से नहीं, बल्कि सही खानपान से भी मरीज की हालत सुधारी जा सकती है. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि जो भी चीज मरीज को दी जा रही हो, वह डॉक्टर और डायटीशियन की सलाह के अनुसार हो. प्यार और भावनाओं से भरा भोजन जरूरी है, लेकिन उससे भी जरूरी है जानकारी और सतर्कता. तभी इलाज का असर और जीवन की उम्मीद दोनों बनी रह सकती हैं.
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