गृह मंत्रालय ने सोमवार को अवामी लीग, इसके सभी मोर्चे, सहयोगी और भाईचारे वाले संगठनों की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी कर दी है.
Dhaka/New Delhi: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. ताजा घटनाक्रम में अब उनकी पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. बांग्लादेश ने सोमवार को अधिसूचना जारी कर रातों-रात संशोधित आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी की सभी गतिविधियों पर आधिकारिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया. गृह सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि गृह मंत्रालय ने सोमवार को अवामी लीग, इसके सभी मोर्चे, सहयोगी और भाईचारे वाले संगठनों की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी कर दी है.
अवामी लीग और संबद्ध संगठनों को आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत किया बैन
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि अधिसूचना के अनुसार, अवामी लीग और इसके संबद्ध संगठनों को आतंकवाद विरोधी अधिनियम 2025 के तहत तब तक प्रतिबंधित कर दिया गया है, जब तक कि बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) इसके नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा पूरा नहीं कर लेता. अधिकारी ने कहा कि संशोधित कानून की धारा 18 सरकार को किसी भी व्यक्ति के साथ-साथ किसी भी “इकाई” या संगठन को आतंकवाद में शामिल पाए जाने पर उचित आधार पर आतंकवादी घोषित करने का अधिकार देती है. मूल आतंकवाद विरोधी अधिनियम 2009 में “इकाई” पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान नहीं था. अवामी लीग के नेताओं पर एक छात्र मंच द्वारा पिछले साल सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान सैकड़ों लोगों की मौत को लेकर मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप लगाया गया था.
पांच अगस्त को हसीना सरकार को सत्ता से किया गया था बेदखल
विरोध प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप पांच अगस्त को हसीना की 16 साल लंबी सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया गया. मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की सलाहकार परिषद या मंत्रिमंडल ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत साइबरस्पेस सहित “अवामी लीग की सभी गतिविधियों” पर प्रतिबंध लगा दिया. इसमें कहा गया है कि यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा जब तक विशेष न्यायाधिकरण पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ मुकदमा पूरा नहीं कर लेता. अगले दिन अवामी लीग ने अंतरिम सरकार के फैसले को खारिज कर दिया और उचित तरीके से अपनी गतिविधियों को जारी रखने की कसम खाई. सोमवार का घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ जब बांग्लादेश ने रातों-रात एक अध्यादेश जारी कर संशोधित आतंकवाद कानून के तहत आरोपी व्यक्तियों या संगठनों के बयानों के प्रकाशन या प्रसार पर प्रतिबंध लगा दिया.
राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने आतंकवाद विरोधी अधिनियम में किया संशोधन
रविवार की रात, राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने आतंकवाद विरोधी अधिनियम में संशोधन करते हुए एक अध्यादेश जारी किया, जिसमें प्रेस बयानों, सोशल मीडिया सामग्री या अधिनियम में मुकदमा चलाए गए किसी भी व्यक्ति या संस्थाओं के समर्थन में सार्वजनिक समारोहों सहित किसी भी प्रकार के प्रचार पर रोक लगा दी गई. संशोधित कानून ने “सूचीबद्ध व्यक्तियों या प्रतिबंधित संस्थाओं” के पिछले संदर्भ को अधिक सामान्य वाक्यांश से बदलकर प्रतिबंधों के दायरे को व्यापक बना दिया. कहा गया कि कोई भी व्यक्ति या संस्था जिसके खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून की धारा 18 की उप-धारा (1) के तहत कार्रवाई की गई है.
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