Home Top News ईरान-इजरायल युद्ध, ट्रंप का सीजफायर दावा, ईरान ने बताया झूठ, कहा ‘खून की आखिरी सांस..’

ईरान-इजरायल युद्ध, ट्रंप का सीजफायर दावा, ईरान ने बताया झूठ, कहा ‘खून की आखिरी सांस..’

by Rishi
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Israel-Iran Ceasefire Claims: ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, “यह युद्ध सालों तक चल सकता था और मध्य पूर्व को तबाह कर सकता था, लेकिन ऐसा नहीं होगा!

Israel-Iran Ceasefire Claims: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए सीजफायर पर सहमति बन गई है. लेकिन ईरान ने ट्रंप के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया. ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने कहा कि कोई युद्धविराम समझौता नहीं हुआ है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इजरायल तेहरान समयानुसार सुबह 4 बजे तक हमले बंद नहीं करता, तो ईरान जवाबी कार्रवाई जारी रखेगा.

ईरान के विदेश मंत्री ने क्या कहा?

अराघची ने कहा, “अभी तक सीजफायर का कोई समझौता नहीं हुआ है. अगर इजरायली शासन ईरानी लोगों के खिलाफ आक्रमण को सुबह 4 बजे से पहले बंद कर दे, तो हमारी प्रतिक्रिया रोकने का इरादा है. इसके बाद ही हम सीजफायर पर अंतिम फैसला लेंगे.” ईरान का यह बयान ट्रंप की घोषणा के कुछ घंटों बाद आया, जिससे मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया है.

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, “यह युद्ध सालों तक चल सकता था और मध्य पूर्व को तबाह कर सकता था, लेकिन ऐसा नहीं होगा! ईश्वर इजरायल, ईरान, मध्य पूर्व, अमेरिका और पूरी दुनिया को आशीर्वाद दे!” उन्होंने इस युद्धविराम को ऐतिहासिक कदम बताया. लेकिन ईरान के बयान ने ट्रंप के दावे पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

कतर ने की मध्यस्थता?

जानकारी के मुताबिक कतर की मध्यस्थता और अमेरिका के जरिए ईरान ने इजरायल के साथ युद्धविराम प्रस्ताव पर सहमति जताई थी. युद्ध की शुरुआत 13 जून 2025 को तब हुई, जब इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए. इजरायल का दावा था कि ईरान परमाणु बम बना रहा है. इसके बाद अमेरिका भी युद्ध में शामिल हो गया और उसने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए.

ईरान ने इन हमलों का जवाब देते हुए इजरायल और अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए. कतर में अमेरिकी अल-उदीद एयरबेस पर ईरान ने 14 मिसाइलें दागीं, हालांकि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. ट्रंप ने दावा किया कि ईरान ने हमले की अग्रिम सूचना दी थी, जिससे हताहतों की संख्या शून्य रही.

कई देशों ने की थी तनाव कम करने की अपील

इस युद्ध में दोनों पक्षों को भारी नुकसान हुआ. ईरान में 600 से अधिक लोग मारे गए, जबकि इजरायल में भी कई नागरिक हताहत हुए. तेहरान में भारी बमबारी से दहशत फैल गई. कई देशों ने तनाव कम करने की अपील की, लेकिन रूस, चीन और पाकिस्तान ने अमेरिका और इजरायल की निंदा की. सऊदी अरब और कतर ने भी हमलों पर चिंता जताई.

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