India-Ghana Pacts: भारतीय विदेश मंत्रालय के आर्थिक विभाग के सचिव डम्मू रवि ने जानकारी दी कि पीएम मोदी और घाना के प्रेसिडेंट जॉन महामा दोनों के बीच रक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर भी बातचीत हुई है.
India-Ghana Pacts: भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के जरिए जिस तरह का पराक्रम दिखाया उससे दुनिया भर के देशों ने भारतीय हथियारों का दमखम भी देखा. भारतीय मिसाइलों ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. भारत के रक्षा उपकरणों का इसके बाद घाना भी दीवाना हो गया है. घाना ने भारतीय रक्षा उपकरणों की खरीददारी की इच्छा जाहिर की है. अगर घाना के साथ किसी प्रकार की डील फाइनल हो जाती है तो ये भारतीय सेना के लिए गर्व का विषय होगा.भारत मौजूदा समय में 75 देशों को रक्षा उपकरणों की सप्लाई कर चुका है.
विदेश मंत्रालय के सचिव ने दी जानकारी
गौर करने वाली बात है कि भारतीय विदेश मंत्रालय के आर्थिक विभाग के सचिव डम्मू रवि ने जानकारी दी कि पीएम मोदी और घाना के प्रेसिडेंट जॉन महामा दोनों के बीच रक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर भी बातचीत हुई है. घाना ने भारत से रक्षा उपकरण, प्रशिक्षण और प्रणालियों की आपूर्ति में साफ तौर पर रुचि दिखाई है.
भारत हथियार के साथ प्रशिक्षण भी देगा
घाना भारत से रक्षा उपकरण खरीदने में रुचि दिखा रहा है, क्योंकि भारत ने हाल के वर्षों में रक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत उच्च गुणवत्ता वाले स्वदेशी हथियारों का उत्पादन बढ़ाया है. घाना जैसे अफ्रीकी देशों के लिए भारत एक भरोसेमंद और लागत प्रभावी साझेदार है, जो ड्रोन, निगरानी उपकरण, और गश्ती जहाज जैसे रक्षा उपकरणों की आपूर्ति कर सकता है.भारत न केवल उपकरण प्रदान करता है, बल्कि प्रशिक्षण और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग की पेशकश करता है, जो घाना की सैन्य क्षमता को मजबूत करने में मददगार है.
घाना में सर उठा रहा है आतंकवाद
घाना को मुख्य रूप से क्षेत्रीय और आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों से खतरा है. पश्चिम अफ्रीका में आतंकवाद, विशेष रूप से बोको हराम और इस्लामिक स्टेट जैसे संगठनों की गतिविधियां, सीमा पार से होने वाली तस्करी, और समुद्री डकैती घाना के लिए चिंता का विषय हैं. इसके अलावा, घाना की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और अवैध मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों पर नियंत्रण की आवश्यकता है, जिसके लिए निगरानी ड्रोन और गश्ती नौकाओं की जरूरत है. भारत से उन्नत ड्रोन तकनीक और गश्ती जहाज खरीदकर घाना अपनी समुद्री और सीमावर्ती सुरक्षा को मजबूत करना चाहता है. साथ ही, आंतरिक स्थिरता बनाए रखने और क्षेत्रीय अशांति से निपटने के लिए घाना को आधुनिक हथियारों और प्रशिक्षण की आवश्यकता है, जिसमें भारत एक विश्वसनीय भागीदार साबित हो सकता है.
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