अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने नीदरलैंड में नाटो शिखर सम्मेलन में इजरायल-ईरान सीजफायर के काफी अच्छे चलने की बात कही है.
Donald Trump on Ceasefire: इजरायल और ईरान के बीच हुआ हालिया संघर्ष विराम यूं तो एक कठिन शुरुआत थी लेकिन ये बुधवार को भी जारी रहा. अनुमान लगाया जा रहा है कि दोनों देशों के बीच हुआ संघर्ष विराम एक दीर्घकालिक समझौता हो सकता है लेकिन ईरान लगातार इस बात पर जोर दे रहा है कि वो अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को नहीं छोड़ेगा. इजरायल और ईरान में हुए संघर्ष विराम पर अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने बुधवार को बयान दिया है. नीदरलैंड में नाटो शिखर सम्मेलन में संवाददाताओं से ट्रंप ने कहा कि ये काफी अच्छा चल रहा है. अहम ये है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ही भीषण होते युद्ध के बीच संघर्ष विराम पर बातचीत में मदद की है.
ईरान पर क्या बोले डॉनल्ड ट्रंप?
डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान के पास बम नहीं होगा और वो न्यूक्लियर प्रोग्राम को आगे नहीं बढ़ाएंगे. हालांकि, ईरान ने जोर देकर कहा है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को नहीं छोड़ेगा और आगे की कठिन राह को रेखांकित करते हुए एक वोट में, ईरानी संसद ने एक प्रस्ताव को तेजी से आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की, जो वियना स्थित संयुक्त राष्ट्र की निगरानी संस्था अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ देश के सहयोग को प्रभावी रूप से रोक देगा, जो वर्षों से ईरानी परमाणु कार्यक्रम की निगरानी कर रही है. ईरानी संसद के अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर कलीबाफ ने IAEA की आलोचना करते हुए कहा कि उसने रविवार को संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किए गए ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हमले की निंदा करने का दिखावा करने से भी इनकार किया.
ईरान कर रहा ये दावा
ईरान ने अमेरिकी हमलों से पहले अपने अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम को स्थानांतरित करने का दावा किया है. बता दें कि अमेरिकी हमलों ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों को निशाना बनाया, जिसके बारे में ट्रंप ने कहा कि इसने देश के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह से नष्ट कर दिया. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, इस्माइल बघेई ने पुष्टि की कि रविवार को अमेरिकी बी-2 बमवर्षकों द्वारा बंकर-बस्टर बमों का उपयोग करके किए गए हमलों से काफी नुकसान हुआ है. बुधवार को अल जजीरा से बातचीत में इस्माइल बघेई ने कहा कि हमारे परमाणु प्रतिष्ठानों को बहुत नुकसान पहुंचा है, यह निश्चित है. हालांकि उन्होंने विस्तार से बताने से इनकार कर दिया. इस्माइल बघेई ने कहा कि ईरान किसी भी परिस्थिति में उस अधिकार को बनाए रखने के लिए दृढ़ है.
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