Home National दिल्ली में क्रिमिनल्स की खैर नहीं! शूटिंग रोकने के लिए दिल्ली पुलिस का खास ‘एक्शन प्लान’ तैयार

दिल्ली में क्रिमिनल्स की खैर नहीं! शूटिंग रोकने के लिए दिल्ली पुलिस का खास ‘एक्शन प्लान’ तैयार

by Vikas Kumar
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Delhi Police

दिल्ली पुलिस राजधानी में क्राइम को रोकने के लिए पूरी तरह से एक्टिव मोड में है. इसी कड़ी में एडवांस्ड सेंसर एंड हाई रेज्योलूशन कैमरै लगाए जा रहे हैं.

Delhi Crime News: दिल्ली में क्राइम पर रोक लगाने के लिए दिल्ली पुलिस मुस्तैद है. बता दें कि दिल्ली में अक्सर गोलीबारी की घटना सामने आती रहती है जिसकी वजह से आम नागरिकों में खौफ का माहौल है. हालांकि, अब शूटिंग पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक खास एक्शन प्लान बनाया है. न्यूज एजेसी PTI के मुताबिक, गोलीबारी की घटनाओं में आई तेजी के बाद अब दिल्ली पुलिस राजधानी में एडवांस्ड सेंसर एंड हाई रेज्योलूशन कैमरै लगा रही है. मिली जानकारी के मुताबिक ये सिस्टम अधिकारियों को तुरंत सचेत करेंगे, हमलावरों की पहचान करने में मदद करेंगे और अपराध स्थलों से भागने के लिए इस्तेमाल किए गए भागने के वाहनों को ट्रैक करेंगे. दिल्ली पुलिस का टारगेट राजधानी के हर हिस्से में निगरानी और फास्ट रिएक्शन सिस्टम को आगे बढ़ाना है.

क्या है प्लान?

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा, “500 मीटर से एक किलोमीटर के दायरे में गोलीबारी का पता लगाने में सक्षम सेंसर रणनीतिक स्थानों पर लगाए जा रहे हैं. एक बार फायरिंग की आवाज का पता चलने पर, सेंसर पास के PTZ (पैन-टिल्ट-जूम) कैमरों को अलर्ट ट्रिगर करेंगे, जिससे वे साउंड की दिशा पर सटीक रूप से घूमने और फोकस करने के लिए प्रेरित होंगे. ये सेंसर निकटतम PTZ कैमरे को अलर्ट भेजेंगे, जो फिर संदिग्ध गोलीबारी के स्थान की ओर घूमेंगे. इससे हमें घटना, आरोपी और भागने के लिए उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहन की फुटेज कैप्चर करने में मदद मिलेगी. सिस्टम में फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) कैमरे और ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरे एकीकृत होंगे। FRS-सक्षम कैमरे वास्तविक समय में संदिग्धों की पहचान करने में सहायता करेंगे, जबकि ANPR कैमरे वाहन नंबर प्लेट रिकॉर्ड करेंगे, भागने के मार्गों का पता लगाने और शामिल लोगों की पहचान करने में सहायता करेंगे.”

कहां से जुड़ा होगा पूरा नेटवर्क?

पुलिस अधिकारी ने कहा, “पूरा नेटवर्क दिल्ली पुलिस मुख्यालय में एकीकृत कमांड, नियंत्रण, संचार और कंप्यूटर केंद्र (C4I) से जुड़ा होगा. अलर्ट पुलिस उपायुक्त (DCP) कार्यालयों और स्थानीय पुलिस स्टेशनों को भी भेजे जाएंगे. एक बार जब गोलीबारी का पता चलता है, तो C4I पर ऑपरेटर अलर्ट की प्रामाणिकता का तुरंत आकलन करेगा. यदि सत्यापित किया जाता है, तो बिना देरी के घटनास्थल पर प्रतिक्रिया करने के लिए निकटतम PCR इकाई को तत्काल अलर्ट भेजा जाएगा. यह प्रणाली न केवल हमें तेजी से प्रतिक्रिया करने में मदद करेगी, बल्कि एक मजबूत निवारक के रूप में भी काम करेगी। यह जानते हुए कि वे निगरानी में हैं, अपराधी सार्वजनिक रूप से गोलीबारी करने से पहले दो बार सोच सकते हैं. इस तकनीक का कुछ महीने पहले ही झारोदा कलां में पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज में सफल परीक्षण किया जा चुका है. पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद, अब इसे शहर के प्रमुख स्थानों पर विस्तारित किया जा रहा है, जो बंदूक हिंसा की बढ़ती घटनाओं से निपटने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है.”

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