Home National ED को सुप्रीम कोर्ट की फटकार! कहा- सारी हदें पार कर रही है एजेंसी; लाइसेंस विवाद का है मामला

ED को सुप्रीम कोर्ट की फटकार! कहा- सारी हदें पार कर रही है एजेंसी; लाइसेंस विवाद का है मामला

by Sachin Kumar
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SC ED crossing all limits stays against TASMAC row over liquor shop licences

Supreme Court News : सरकारी शराब कंपनी TASMAC के खिलाफ ED की कार्रवाई से सुप्रीम कोर्ट नाराज है. पीठ ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने सारी सीमाएं पार कर दी है.

Supreme Court News : तमिलनाडु में सरकारी शराब कंपनी TASMAC पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सख्त रुख अपनाया है. शीर्ष अदालत ने एजेंसी की तरफ से की जा रही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच पर रोक लगा दी और नोटिस भी जारी कर दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने सारी सीमाएं पार पर रही है और शासन की संघीय अवधारणा का उल्लंघन कर रहा है.

SC की बातों का ASG ने किया विरोध

तमिलनाडु सरकार और और तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (TASMAC) ने ED जांच के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी. इसके बाद मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई (CJI BR Gavai) और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह (Justice Augustine George Masih) की पीठ ने धन शोधन निरोधक मामले में जांच एजेंसी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू (SV Raju) से कहा कि आपका प्रवर्तन निदेशालय सारी सीमाएं पार कर रहा है. कोर्ट ने आगे कहा कि संघीय अवधारणा का उल्लंघन कर रहा है. साथ ही पीठ ने यह भी कहा कि TASMAC के खिलाफ ED की जांच आगे नहीं बढ़ेगी. वहीं, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने आदेश का विरोध करते हुए कहा कि यह मामला 1 हजार करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार से जुड़ा है और जांच एजेंसी अपनी सीमाएं नहीं लांघ रही है.

TASMAC पर कैसे छापा मार सकते हैं

पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अमितानंद तिवारी की दलीलों को सुना और पता चला कि राज्य ने साल 2014 से शराब की दुकानों के लाइसेंस डिस्ट्रीब्यूट से आवंटन संबंधित मामलों में 40 से अधिक FIR दर्ज की गई है और इस मामले में ED ने कूदकर TASMAC पर छापेमारी की है. इसके बाद पीठ ने पूछा कि आप राज्य की तरफ से संचालित TASMAC पर कैसे छापा मार सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई राज्य सरकार की तरफ से याचिका में मद्रास हाई कोर्ट के 23 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें ED की कार्रवाई को आगे बढ़ाने की उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था. बता दें कि ED को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अपनी कार्रवाई जारी रखने की अनुमति दी गई थी.

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