Home RegionalDelhi डेटा हो सकता है लीक, साइबर कैफे और एजेंटों से न कराएं कोई काम, EPFO ने अपने सदस्यों को दी ये सलाह

डेटा हो सकता है लीक, साइबर कैफे और एजेंटों से न कराएं कोई काम, EPFO ने अपने सदस्यों को दी ये सलाह

by Sanjay Kumar Srivastava
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EPFO

अधिकांश मामलों में नियोक्ता की मंजूरी को हटाकर 15 जनवरी 2025 से स्थानांतरण दावा प्रक्रिया को भी सरल बना दिया गया है.

New Delhi: EPFO ने अपने सदस्यों से आग्रह किया है कि वह अनधिकृत एजेंटों के झांसे में न आएं. सदस्य EPFO के आधिकारिक पोर्टल का ही उपयोग करें. यह पूरी तरह सुरक्षित और निःशुल्क है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सभी हितधारकों के लिए कई सुधार किए हैं. जिससे हितधारकों को कोई दिक्कत न हो. मालूम हो कि हाल ही में ईपीएफओ ने कई सुविधाएं बढ़ाई हैं. जिसमें स्थानांतरण दावों का सरलीकरण, बीमारी, आवास, विवाह और शिक्षा के लिए अग्रिम ऑटो क्लेम निपटान सुविधा की सीमा को बढ़ाकर एक लाख रुपये करना आदि है. अधिकांश मामलों में नियोक्ता की मंजूरी को हटाकर 15 जनवरी 2025 से स्थानांतरण दावा प्रक्रिया को भी सरल बना दिया गया है.

ऑनलाइन सुविधा और सरल

इसके अलावा आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करके सदस्य प्रोफ़ाइल सुधार के लिए प्रदान की गई ऑनलाइन सुविधा को सरल बनाया गया है. अधिकांश मामलों में सदस्य प्रोफ़ाइल सुधार के लिए नियोक्ता और ईपीएफओ पर निर्भरता समाप्त कर दी गई है. UAN का आवंटन और एक्टिवेशन फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (एफएटी) का उपयोग करके उमंग ऐप के माध्यम से किया जा रहा है. इससे सदस्यों के लिए पासबुक देखना, केवाईसी अपडेट, दावा प्रस्तुत करना आदि काफी सरल हो गया है. इसके अलावा ईपीएफओ ने ऑनलाइन दाखिल दावों के त्वरित निपटान और दावों की अस्वीकृति को कम करने के लिए चेक लीफ/सत्यापित बैंक पासबुक की छवि अपलोड करने की आवश्यकता को हटा दिया है.

साइबर कैफे संचालक वसूल रहे बड़ी रकम

साथ ही, यूएएन के साथ बैंक खाते के विवरण को जोड़ने के लिए नियोक्ता की मंजूरी की आवश्यकता को अप्रैल 2025 से हटा दिया गया है. हालांकि, यह देखा गया है कि कई साइबर कैफे संचालक व फिनटेक कंपनियां ईपीएफओ सदस्यों से उन सेवाओं के लिए बड़ी रकम वसूल रही हैं जो आधिकारिक तौर पर मुफ्त हैं. कई मामलों में ये संचालक केवल ईपीएफओ के ऑनलाइन शिकायत पोर्टल का उपयोग कर रहे हैं, जिसे कोई भी सदस्य अपने घर बैठे मुफ्त में कर सकता है. इन्हीं सब मामलों को देखते हुए ईपीएफओ ने हितधारकों को तीसरे पक्ष की कंपनियों या एजेंटों के पास न जाने की सलाह दी है. क्योंकि इससे उनका वित्तीय डेटा तीसरे पक्ष की संस्थाओं के सामने आ सकता है.

EPFO पोर्टल और उमंग ऐप के प्रयोग की सलाह

कहा कि ये बाहरी संस्थाएं EPFO द्वारा अधिकृत नहीं हैं और वे अनावश्यक शुल्क ले सकती हैं या सदस्यों की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा से समझौता कर सकती हैं. ईपीएफओ ने अपने सभी सदस्यों, नियोक्ताओं और पेंशनभोगियों को ईपीएफओ पोर्टल और उमंग ऐप के माध्यम से उपलब्ध ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करने की सलाह दी है. कहा कि सदस्य किसी भी प्रकार की समस्या के लिए आधिकारिक वेबसाइट (www.epfindia.gov.in) पर सूचीबद्ध क्षेत्रीय कार्यालयों में ईपीएफओ हेल्पडेस्क/पीआरओ से संपर्क कर सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः साइप्रस में पीएम मोदी को मिला सर्वोच्च नागरिक सम्मान, बोले ‘ये 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान’

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