Aaj Ka Panchang: इस दिन अष्टमी तिथि दोपहर 2:06 बजे तक रहेगी, जिसके बाद नवमी तिथि प्रारंभ होगी. नक्षत्र की बात करें तो हस्त नक्षत्र दोपहर 1:50 बजे तक प्रभावी रहेगा.
Aaj Ka Panchang: 3 जुलाई 2025 को बृहस्पतिवार के दिन आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है, जो विक्रम संवत 2082 के कालयुक्त संवत्सर के अंतर्गत मनाई जा रही है. यह दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष महत्व रखता है, क्योंकि पंचांग के अनुसार इस दिन के शुभ और अशुभ समय, नक्षत्र, योग और करण आदि जीवन के विभिन्न कार्यों को प्रभावित करते हैं. आइए, इस दिन के पंचांग, सूर्योदय-चंद्रोदय, शुभ-अशुभ मुहूर्त और अन्य ज्योतिषीय पहलुओं का विस्तृत विवरण जानते हैं.
इस दिन अष्टमी तिथि दोपहर 2:06 बजे तक रहेगी, जिसके बाद नवमी तिथि प्रारंभ होगी. नक्षत्र की बात करें तो हस्त नक्षत्र दोपहर 1:50 बजे तक प्रभावी रहेगा, इसके बाद चित्रा नक्षत्र शुरू होगा. हस्त नक्षत्र का तीसरा और चौथा चरण क्रमशः सुबह 7:07 बजे और दोपहर 1:50 बजे तक रहेगा, जबकि चित्रा नक्षत्र का पहला और दूसरा चरण रात 8:34 बजे और अगले दिन सुबह 3:19 बजे तक रहेगा. योग में परिघ योग शाम 6:36 बजे तक रहेगा, और करण में बव दोपहर 2:06 बजे तक, फिर बालव और कौलव प्रभावी होंगे. चंद्र राशि कन्या रात 3:19 बजे तक रहेगी, जिसके बाद तुला राशि शुरू होगी. सूर्य मिथुन राशि में और आर्द्रा नक्षत्र के चौथे चरण में रहेगा. यह संयोजन धार्मिक कार्यों, व्यापार और व्यक्तिगत निर्णयों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है.
इस दिन सूर्योदय सुबह 5:28 बजे और सूर्यास्त शाम 7:23 बजे होगा. चंद्रोदय दोपहर 12:54 बजे और चंद्रास्त अगले दिन सुबह 12:28 बजे होगा. दिन का समय 13 घंटे 55 मिनट 25 सेकंड और रात का समय 10 घंटे 4 मिनट 58 सेकंड रहेगा. वैदिक पंचांग के अनुसार, यह समय ग्रीष्म ऋतु और उत्तरायण का है, जबकि द्रिक पंचांग में वर्षा ऋतु और दक्षिणायन प्रभावी हैं. ये मौसमी और आयनिक बदलाव कृषि, स्वास्थ्य और धार्मिक अनुष्ठानों पर गहरा प्रभाव डालते हैं.
इस दिन कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं, जो विभिन्न कार्यों के लिए अनुकूल माने जाते हैं. ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:07 से 4:47 बजे तक, प्रातः संध्या सुबह 4:27 से 5:28 बजे तक, अभिजित मुहूर्त दोपहर 11:58 से 12:53 बजे तक, विजय मुहूर्त दोपहर 2:45 से 3:40 बजे तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 7:22 से 7:42 बजे तक, सायाह्न संध्या शाम 7:23 से 8:24 बजे तक, अमृत काल सुबह 7:09 से 8:56 बजे तक, निशिता मुहूर्त रात 12:05 से 12:46 बजे तक (4 जुलाई को), और रवि योग दोपहर 1:50 बजे से अगले दिन सुबह 5:28 बजे तक रहेगा. ये समय पूजा, विवाह, गृह प्रवेश, व्यापार शुरू करने और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उपयुक्त हैं.
कुछ समय अशुभ माने गए हैं, जिनमें महत्वपूर्ण कार्य करने से बचना चाहिए. राहुकाल दोपहर 2:10 से 3:54 बजे तक, यमगंड सुबह 5:28 से 7:12 बजे तक, गुलिक काल सुबह 8:57 से 10:41 बजे तक, दुर्मुहूर्त सुबह 10:06 से 11:02 बजे तक और दोपहर 3:40 से 4:36 बजे तक, वर्ज्य रात 10:50 से अगले दिन सुबह 12:38 बजे तक, और बाण रोग सुबह 3:35 बजे तक (4 जुलाई) रहेगा. इसके अलावा, आडल योग दोपहर 1:50 बजे से अगले दिन सुबह 5:28 बजे तक प्रभावी रहेगा. इस दिन दिशा शूल दक्षिण दिशा में है, इसलिए इस दिशा में यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है. होमाहुति शुक्र ग्रह को समर्पित है, जो इस दिन के धार्मिक कार्यों में विशेष महत्व रखता है.
आनंदादि योग में राक्षस योग दोपहर 1:50 बजे तक रहेगा, जो अशुभ माना जाता है, इसके बाद चर योग शुरू होगा, जो शुभ है. तमिल योग में मरण योग दोपहर 1:50 बजे तक रहेगा, फिर सिद्ध योग शुरू होगा. जीवनम में अर्ध जीवन और नेत्रम में एक नेत्र दोपहर 1:50 बजे तक रहेगा, जिसके बाद दो नेत्र प्रभावी होंगे. ये योग धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों के लिए दिशानिर्देश प्रदान करते हैं.
3 जुलाई 2025 का पंचांग धार्मिक, ज्योतिषीय और सामाजिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है. शुभ मुहूर्तों का उपयोग करके व्यक्ति अपने कार्यों को सफलता के साथ संपन्न कर सकता है, जबकि अशुभ समय में सावधानी बरतना आवश्यक है. यह दिन विशेष रूप से पूजा, ध्यान और शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त है, बशर्ते पंचांग के नियमों का पालन किया जाए.