Israel-Iran Conflict : ईरान और इजरायल में जारी संघर्ष के बीच अमेरिका की एंट्री ने सबको चौंका दिया है. अमेरिकी सेना ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला करके झकझोर दिया.
Israel-Iran Conflict : अमेरिकी हमले के बाद इजरायल और ईरान का संघर्ष अपने चरम पर पहुंच गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि ईरान के तीनों परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है. साथ ही इस बात की चर्चा तेज हो गई है डोनाल्ड ट्रंप ईरान में सत्ता परिवर्तन करवाना चाहते हैं. इसी बीच इजरायली सेना ने सोमवार को कहा कि वह ईरान के पश्चिम शहर केरमानशाह के आसपास हमला कर रही है. वहीं, इस हमले के बाद तेहरान के परमाणु कार्यक्रम के बचे हुए हिस्से और उसकी कमजोर सैन्य की प्रतिक्रिया के बारे में तत्काल सवाल खड़े कर दिए हैं. वित्तीय बाजारों की प्रतिक्रिया के कारण तेल की कीमत बढ़ गई है.
अमेरिका सेना पर हमला हुआ तो अच्छा नहीं होगा
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) ने ईरान को सीधी धमकी दी है कि अगर अमेरिकी सेना के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की तो उसका अंजाम अच्छा नहीं होगा. उन्होंने यह भी कहा है कि ईरान में शासन परिवर्तन की संभावना के बारे में विचार सोचा है. वहीं, ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने संकेत दिया था कि वे ईरान के साथ बातचीत फिर से शुरू करना चाहते हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने CBS के साथ एक इंटरव्यू में कहा था कि चलो सीधे मिलते हैं. ईरानी सुप्रीम लीडर के सलाहकार अली अकबर वेलयाती ने कहा कि ईरान पर हमला करने के लिए अमेरिका द्वारा किसी भी देश का इस्तेमाल किया जाने पर वह भी हमारे निशाने पर होगा.
मध्य पूर्व में हजारों अमेरिका सैनिक तैनात
आपको बताते चलें कि ईरान की एजेंसी IRNA ने दावा किया कि मध्य पूर्व में हजारों अमेरिकी सैनिक तैनात हैं और वह वहां से भी कुछ गतिविधि को अंजाम देने का प्लान बना सकता है. दूसरी तरफ उत्तर कोरिया ने ईरान पर अमेरिकी हमलों की निंदा की और कहा कि वह ईरानी परमाणु सुविधाओं पर अमेरिकी हमले की कड़ी निंदा करता है, इसे ईरान की क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा हितों का गंभीर उल्लंघन कहता है. बता दें कि उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और इजरायल सैन्य बल ने हमला करके मध्य पूर्व में तनाव काफी बढ़ा दिया है. उन्होंने आगे कहा कि दुनिया न्यायपूर्ण सोच रखने वाले लोग और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस टकराव के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए.
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