Home Lifestyle ब्रिटिश अफसर ने की खोज, आज बना टूरिज्म हॉटस्पॉट! जानिए भारत के पहले हिल स्टेशन की ऐतिहासिक कहानी

ब्रिटिश अफसर ने की खोज, आज बना टूरिज्म हॉटस्पॉट! जानिए भारत के पहले हिल स्टेशन की ऐतिहासिक कहानी

by Jiya Kaushik
0 comment
Hill Station: ये हिल स्टेशन न सिर्फ ब्रिटिश शासन का समर रिट्रीट बना बल्कि आज भी देश का सबसे पसंदीदा टूरिस्ट स्पॉट बना हुआ है. इसका इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य इसे वाकई ‘क्वीन ऑफ हिल्स’ बनाते हैं.

Hill Station: ये हिल स्टेशन न सिर्फ ब्रिटिश शासन का समर रिट्रीट बना बल्कि आज भी देश का सबसे पसंदीदा टूरिस्ट स्पॉट बना हुआ है. इसका इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य इसे वाकई ‘क्वीन ऑफ हिल्स’ बनाते हैं.

Hill Station: भारत में जब भी हिल स्टेशन का नाम आता है तो लोगों के दिमाग में शिमला, मनाली या नैनीताल जैसे नाम सबसे पहले आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का सबसे पहला हिल स्टेशन कौन सा है? इस सवाल का जवाब जानकर आप हैरान रह जाएंगे. इस रहस्य का जवाब है मसूरी. जी हां इसे अंग्रेजों ने 19वीं सदी में खोजा था.

हिल स्टेशनों की लोकप्रियता

Scenic hill stations of South India that are as good as the Himalayas |  Times of India Travel

भारत में हिल स्टेशन न सिर्फ गर्मियों में राहत पाने का जरिया हैं, बल्कि ये प्राकृतिक सुंदरता और इतिहास से भी भरपूर हैं. आज लाखों लोग इन पहाड़ी इलाकों में घूमने जाते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि भारत का पहला हिल स्टेशन मसूरी था, न कि शिमला.

भारत का पहला हिल स्टेशन

मसूरी को ‘क्वीन ऑफ हिल्स’ कहा जाता है, लेकिन इसकी ऐतिहासिक पहचान और भी खास है. साल 1823 में इसे भारत का पहला हिल स्टेशन घोषित किया गया था. यह वही जगह है जहां से भारत में हिल स्टेशन संस्कृति की शुरुआत हुई थी और यह सब हुआ ब्रिटिश अफसरों की वजह से.

कैसे हुई मसूरी की खोज?

Best Hill Stations by State: Exploring India's Scenic Heights

मसूरी की खोज का श्रेय जाता है कैप्टन यंग और उनके साथी एफ. जे. शोर को जाता है. ये दोनों साल 1820 में उत्तराखंड के इस क्षेत्र में आए और यहां की खूबसूरती से प्रभावित होकर उन्होंने यहां एक झोपड़ी बनवाई. गर्मियों में आने-जाने की उनकी आदत ने इस जगह को ब्रिटिश अफसरों के लिए आकर्षण का केंद्र बना दिया जिसे देखते हुए धीरे-धीरे बाकी अधिकारी और व्यापारी भी यहां आने लगे और मसूरी एक लोकप्रिय हिल स्टेशन बन गया. ब्रिटिश काल के दौरान ये जगह अंग्रेजों के लिए ‘समर रिट्रीट’ तौर म जानी जाने लगी. फिर इसे साल 1823 में ऑफिशियली हिल स्टेशन घोषित कर दिया गया.

ब्रिटिश काल में मसूरी का महत्व

ब्रिटिश राज के दौरान मसूरी एक महत्वपूर्ण ‘समर रिट्रीट’ बन गया था. यहां अंग्रेजों ने स्कूल, चर्च, क्लब और लाइब्रेरी जैसे संस्थान बनाए जो आज भी मौजूद हैं. लाल टिब्बा, गन हिल, मसूरी लाइब्रेरी जैसी जगहें उस दौर की यादें आज भी संजोए हुए हैं. बता दें, वुडस्टॉक स्कूल, ओक ग्रोव स्कूल जैसे प्रतिष्ठित संस्थान भी उसी विरासत का हिस्सा हैं.

मसूरी आज भी उतना ही खास क्यों है?

मसूरी आज भी उत्तर भारत के टॉप ट्रैवल डेस्टिनेशन्स में शामिल है. गर्मियों में राहत पाने, बर्फबारी देखने, ट्रैकिंग और एडवेंचर के लिए, या बस पहाड़ों में सुकून के कुछ पल बिताने के लिए, हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं. मॉल रोड, केम्पटी फॉल्स, जॉर्ज एवरेस्ट हाउस जैसी जगहें मसूरी की लोकप्रियता को बनाए हुए हैं.

यह भी पढ़ें: हर साल गर्मियों में लोगो की भीड़ से चहकने वाला नैनीताल इस साल क्यों पड़ा है खामोश? जानिए वो वजह जिसने छीन ली इस शहर की रौनक

You may also like

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00