दिल्ली में ओवरएज हो चुकी गाड़ियों पर पहले दिन यानी कि मंगलवार को मजबूती से शिकंजा कसा गया. बताया गया कि आने वाले दिनों में जांच और तेज होगी.
Fuel ban for overage vehicles in Delhi: दिल्ली में ओवरएज हो चुकी गाड़ियों पर सख्ती से नजर रखी जा रही है. इस बीच मंगलवार को दिल्ली में ओवरएज वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध लागू हो गया, जिसके तहत 24 ऐसे वाहनों को जब्त किया गया जो एक्सपायरी डेट के बावजूद सड़कों पर रफ्तार भर रहे थे. बता दें कि दिल्ली के पेट्रोल पंपों को Commission for Air Quality Management के निर्देशों के तहत मंगलवार से एंड-ऑफ-लाइफ (ईओएल) वाहनों को ईंधन न देने के लिए कहा गया है. इस निर्देश के संबंध में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने दिल्ली पुलिस और यातायात कर्मियों के साथ मिलकर सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक रणनीति बनाई है. ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के एक अधिकारी के अनुसार, 98 वाहन कैमरे में कैद हुए हैं. बताया गया कि कैमरे में कैद हुई वाहनों को नोटिस जारी किया गया है. 45 वाहनों को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने तो 34 वाहनों को दिल्ली पुलिस ने और एक वाहन को एमसीडी ने नोटिस भेजा है.
दी गई ये जानकारी
बताया गया कि पेट्रोल पंपों को या तो ओवरएज वाहन नहीं मिले या उन्होंने बताया कि पहले दिन कोई खास समस्या नहीं थी. परिवहन विभाग ने अपने संगठन, दिल्ली पुलिस, यातायात पुलिस और एमसीडी के कर्मियों को शामिल करते हुए एक विस्तृत तैनाती योजना तैयार की है. रोहिणी के सेक्टर 11 में साई राम फिलिंग स्टेशन; रोहिणी के सेक्टर 11 में आईओसीएल करुण फिलिंग स्टेशन; और रोहिणी के सेक्टर 24 के ग्राउंड फ्लोर पर आईओसीएल आउटलेट जैसे स्टेशनों ने पुष्टि की है कि ईंधन के लिए कोई भी ओवरएज वाहन नहीं आया. लुटियंस दिल्ली में भाई वीर सिंह मार्ग के पास पेट्रोल पंप पर, एक पुलिसकर्मी ने कहा कि दो वाहनों को जब्त कर लिया गया है. मोती बाग में, आईओसीएल स्टेशन पर एक पंप अटेंडेंट ने कहा कि अधिकारियों की तैनाती और प्रतिबंध के बारे में ग्राहकों को सूचित करने वाले बैनर लगाने के साथ सभी व्यवस्थाएं की गई थीं.
कितने वाहनों को जब्त किया गया?
पुलिस के अनुसार, सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक अभियान की शुरुआत से 24 वाहनों को जब्त किया गया. विशेष पुलिस आयुक्त (यातायात) अजय चौधरी ने पीटीआई को बताया, “इस अभियान का मुख्य उद्देश्य दिल्ली के पर्यावरण को बेहतर बनाना और प्रदूषण को कम करना है. यह एक सतत अभियान है और 1 नवंबर से दिल्ली के आसपास के इलाकों में भी ईएलवी (जीवन समाप्ति वाले वाहन) को ईंधन न देने की नीति लागू की जाएगी. ईएलवी के मालिक 15 दिनों में अपने वाहनों को कबाड़खानों से वापस ले सकते हैं. हालांकि, उन्हें जुर्माना भरना होगा और परिवहन विभाग से एनओसी प्राप्त करने के बाद दिल्ली के बाहर वाहन पंजीकृत कराना होगा जहां ऐसे वाहनों की अनुमति है.”
ये भी पढ़ें- सावधान! बारिश के बाद इस शहर पर कई बीमारियों की ‘स्ट्राइक’, सता रहा है मौत का डर