बिहार सरकार राज्य के सभी पंचायत क्षेत्रों में विवाह मंडप बनाकर वोटर्स को साधने की कोशिश कर रही है. दिखना दिलचस्प होगा कि ये दांव कितना असरदार साबित होगा.
Bihar Election: बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है जिसके लिए सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. इस कड़ी में अब जनता दल यूनाइटेड भी लोगों को रिझाने के पूरे मूड में है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ने गरीब महिलाओं की शादी को सुविधाजनक बनाने के लिए राज्य के सभी पंचायत क्षेत्रों में विवाह मंडप बनाने का फैसला किया है. इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश पहले कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया.
क्या बोले नीतीश कुमार?
इस संबंध में सीएम नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी पोस्ट किया. नीतीश ने एक्स पर लिखा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह कार्यक्रम में सुविधा के लिए सभी पंचायतों में विवाह भवन का निर्माण कराएगी. आज कैबिनेट में ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना’ की मंजूरी दे दी गई है. पंचायतों में विवाह भवनों के निर्माण हेतु 40 अरब 26 करोड़ 50 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है. इन विवाह भवनों का संचालन जीविका दीदियों के द्वारा किया जाएगा. पंचायत स्तर पर विवाह भवनों के निर्माण से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को काफी फायदा होगा.”
कौन होती हैं जीविका दीदियां?
जीविका दीदियां विश्व बैंक द्वारा सहायता प्राप्त बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना के तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं हैं. ग्रामीण गरीबों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से इस परियोजना को जीविका के नाम से भी जाना जाता है. मंत्रीमंडल ने जीविका द्वारा समर्थित सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के साथ-साथ राज्य भर के विभिन्न सरकारी संस्थानों में ‘दीदी की रसोई’ कैंटीन में दिए जाने वाले भोजन की कीमतों को भी 40 रुपये से घटाकर 20 रुपये प्रति प्लेट कर दिया है जिसकी जानकारी सीएम नीतीश कुमार ने दी. नीतीश कुमार ने एक्स पर लिखा, “आप सभी अवगत हैं कि जीविका द्वारा संपोषित ’दीदी की रसोई’ का संचालन बहुत ही अच्छे ढंग से हो रहा है. राज्य के सभी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों तथा विभिन्न सरकारी संस्थानों में जीविका द्वारा संपोषित ’दीदी की रसोई’ द्वारा संचालित कैंटीन के माध्यम से 40 रूपए प्रति थाली भोजन उपलब्ध कराया जा रहा था. अब हमलोगों ने 40 रूपए के स्थान पर 20 रूपये प्रति थाली की दर से गुणवत्तापूर्ण भोजन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है. आज कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव की स्वीकृति दे दी गई है. ‘दीदी की रसोई’ का प्रति थाली न्यूनतम खर्च लगभग 40 रूपए है इसलिए 20 रूपए प्रति थाली की क्षतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा जीविका को उपलब्ध कराई जाएगी. सस्ता एवं शुद्ध भोजन उपलब्ध होने से बाह्य मरीजों एवं उनके परिजनों को काफी सुविधा होगी. राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। हमलोगों ने इस व्यवस्था को राज्य के सभी समाहरणालयों, अनुमण्डल कार्यालयों, प्रखण्ड एवं अंचल कार्यालयों में भी लागू करने का निर्णय लिया है और इसके लिए अधिकारियों को निदेशित कर दिया गया है ताकि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले आमजनों को सस्ते दर पर शुद्ध भोजन मिल सके.”
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