हिमाचल प्रदेश में मॉनसूनी बारिश ने तबाही मचा दी है. शिमला में पांच मंजिला इमारत के भरभराकर गिरने का समाचार है. कई सड़कों पर भारी जाम लगा हुआ है.
Rain Wreak Havoc in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में मॉनसूनी बारिश का कहर जारी है. हिमाचल में सोमवार को बारिश से भारी नुकसान हुआ. जहां प्रदेश में कई इमारतें ढह गईं तो वहीं भूस्खलन की वजह से कई सड़कें जाम हो गईं. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, शिमला में पांच मंजिला इमारत भरभराकर ढहने की भी खबर है. शिमला के उपनगरीय इलाके भट्टाकुफर में पांच मंजिला इमारत ढही जबकि रामपुर में बादल फटने से एक शेड से कई गायें बह गईं. मिली जानकारी के मुताबिक, माथु कॉलोनी में भी इमारत ढहने की खबर सामने आई है. गनीमत ये रही कि माथु कॉलोनी में हुए इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ क्योंकि जिला प्रशासन ने गंभीर खतरे को पहले ही भांप लिया था और लोगों को बाहर निकाल लिया था. खबर है कि इस क्षेत्र के आसपास की दो इमारतें भी खतरे में हैं. इमारतों की मालकिन रंजना वर्मा ने कहा, “हमने रविवार रात को इमारत खाली कर दी थी क्योंकि शनिवार की बारिश के बाद जमीन खिसक रही थी. इमारत सोमवार सुबह करीब 8.15 बजे ढह गई.” उन्होंने कहा कि चार लेन की सड़क के निर्माण ने इमारत को खतरे में डाल दिया था, लेकिन इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई उपाय नहीं किए गए.
क्या बोले ग्राम पंचायत के उप प्रधान यशपाल वर्मा?
चमियाना ग्राम पंचायत के उप प्रधान यशपाल वर्मा के अनुसार, पिछले साल इमारत में दरारें पड़ गई थीं, लेकिन कैथलीघाट-ढल्ली फोर-लेन सड़क का निर्माण कर रही कंपनी के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि इमारत सुरक्षित है. वर्मा ने कहा कि पंचायत ने कंपनी को काम रोकने के लिए लिखा था, क्योंकि इससे इमारतें असुरक्षित हो रही थीं. हालांकि, उन्होंने निर्माण गतिविधियां जारी रखीं, जिससे इमारत ढह गई. उन्होंने कहा, “निर्माण कंपनी की लापरवाही के कारण इमारत ढह गई.” इस बीच, रामपुर के सरपारा ग्राम पंचायत के सिकासेरी गांव में बादल फटने से दो गौशालाएं, तीन गायें और दो बछड़े, एक रसोई और एक कमरा भी बहा. हालांकि, जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ. पिछले साल जुलाई में सरपारा पंचायत के समेज में बादल फटने से 21 लोगों की जान चली गई थी.
राष्ट्रीय राजमार्ग पर पांच स्थानों पर पत्थर गिरे
लगातार बारिश के कारण भूस्खलन होने के बाद शिमला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पांच स्थानों पर पत्थर गिरे. इसके बाद यातायात को एक लेन पर डायवर्ट किया गया, जिससे जाम लग गया. सोलन जिले के कोटी के पास चक्की मोड़ पर भी राजमार्ग पर यही स्थिति बनी रही. पत्थर गिरने से यातायात बाधित हुआ और यात्रियों को एक लेन से धीमी गति से वाहन चलाने को मजबूर होना पड़ा. सोलन जिले के देलगी में भूस्खलन के बाद सुबाथू-वाकनाघाट मार्ग भी बंद कर दिया गया. अधिकारियों ने कहा कि सड़क को साफ करने के प्रयास जारी हैं. हालांकि, मौसम विभाग द्वारा रेड अलर्ट जारी करने और भारी बारिश के कारण सामान्य जनजीवन बाधित होने के बावजूद स्कूल खुले रहे.
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