फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने केंद्र सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड यानी की लाभांश देने की घोषणा की है.
RBI Dividend to Centre Government: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, केंद्र सरकार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2.69 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड यानी की लाभांश देगा. 2024 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने केंद्र सरकार को जो डिविडेंड दिया था, मौजूदा लाभांश उसका 27 फीसदी ज्यादा है. मुंबई में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 616वीं बैठक में डिविडेंड भुगतान पर अंतिम फैसला लिया. इसी बैठक में डिविडेंड पर विचार-विमर्श भी किया गया जिसकी अध्यक्षता RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा करते दिखे थे. बता दें कि 2024 में Reserve Bank of India ने केंद्र को 2.1 लाख करोड़ रुपये का Dividend प्रदान किया था जबकि फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में केंद्र को 87,416 करोड़ रुपये का लाभांश दिया गया था. इसके अलावा आरबीआई ने रिस्क बफर को भी बढ़ाया है.
RBI क्यों देता है केंद्र को डिविडेंड?
देश का केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया है और सालभर में इसके द्वारा की गई आर्थिक गतिविधियों से जो भी मुनाफा कमाया जाता है, उसका एक हिस्सा ये केंद्र को बतौर डिविडेंड ट्रांसफर करता है. डिविडेंड के इस प्रोसेस की निगरानी ECF यानी कि इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क करता है. इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क को 2019 में बनाया गया था. इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क का निर्माण पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अगुवाई में बनाई गई कमेटी की सिफारिशों पर हुआ.
कैसे होती है RBI की कमाई?
ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर आरबीआई की कमाई किन-किन जरियों से होती है. दरअसल, मॉनेटरी पॉलिसी बनाना, बैंकों को रेगुलेट करना, करेन्सी छापना और उसके साथ ही फॉरेक्स रिजर्व को अच्छे से मैनेज करना ही आरबीआई का मेन वर्क है. आइए अब एक नजर उन स्रोतों पर डालते हैं जिससे आरबीआई की कमाई होती है-
- गवर्नमेंट बॉन्ड और बिलों पर प्राप्त हुआ इंटरेस्ट
- फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व पर मिलने वाला रिटर्न
- विदेशी मुद्रा भंडार पर मिला रिटर्न
- गोल्ड से हुआ प्रॉफिट
- ओपन मार्केट ट्रांजेक्शन (OMO)
- बैंकों को प्रदान किए गए लोन पर ब्यान लेना
- करेन्सी प्रिंटिंग से होने वाली कमाई
- सर्विस के बदले वसूला जाने वाला चार्ज
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के इस लाभांश से केंद्रीय खजाने को काफी लाभ पहुंचेगा. अनुमान लगाया जा रहा है कि पैसे का इस्तेमाल कई योजनाओं पर भी किया जा सकता है ताकि जनसाधारण को सुविधाओं का लाभ मिल सके. इकॉनमी सेक्टर्स के दिग्गजों का मानना है कि आने वाले समय में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से केंद्र को मिलने वाला लाभांश और भी ज्यादा बढ़ सकता है. हालांकि, इस बारे में कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.
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