Home Education स्टूडेंट्स को बड़ी राहत! एंट्रेस एग्जाम की ट्रांसपेरेंसी के लिए बना पैनल, मिलने जा रही हैं ये सुविधाएं

स्टूडेंट्स को बड़ी राहत! एंट्रेस एग्जाम की ट्रांसपेरेंसी के लिए बना पैनल, मिलने जा रही हैं ये सुविधाएं

by Vikas Kumar
0 comment
Education

स्टूडेंट्स को बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार ने प्रवेश परीक्षाओं की निष्पक्षता की जांच के लिए पैनल का गठन किया है.

Big Relief to Students: केंद्र सरकार ने स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है. केंद्र सरकार ने कोचिंग पर छात्रों की निर्भरता और प्रवेश परीक्षाओं की निष्पक्षता की जांच के लिए पैनल का गठन किया है. शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग, ‘डमी स्कूलों’ के उद्भव के साथ-साथ प्रवेश परीक्षाओं की प्रभावशीलता और निष्पक्षता से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए नौ सदस्यीय पैनल का गठन किया है जिसकी जानकारी एक अधिकारी ने दी. उच्च शिक्षा सचिव विनीत जोशी की अध्यक्षता वाला पैनल हाई एजुकेशन में ट्रांजिशन के लिए कोचिंग सेंटर्स पर छात्रों की निर्भरता को कम करने के उपाय सुझाएगा. शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया, “समिति मौजूदा स्कूली शिक्षा प्रणाली में उन खामियों की जांच करेगी जो छात्रों की कोचिंग केंद्रों पर निर्भरता में योगदान करती हैं, विशेष रूप से आलोचनात्मक सोच, तार्किक तर्क, विश्लेषणात्मक कौशल और नवाचार पर सीमित ध्यान और रटने की प्रथाओं का प्रचलन भी शामिल है.”

क्या जांच करेगा पैनल?

बता दें कि इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेस एग्जाम के बहुत सारे स्टूडेंट्स डमी स्कूलों में एडमिशन को प्रायोरिटी देते हैं जिससे वे कॉम्पिटिटिव एग्जाम में अपनी प्रीपरेशन पर फोकस रहें. वे कक्षाओं में नहीं जाते हैं और सीधे बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होते हैं. डमी स्कूल को सेलेक्ट करने की अहम वजह ये भी है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए राज्य कोटा का बेनेफिट उठाया जा सके. राजधानी दिल्ली में अपनी सीनियर सेकेंड्री एजुकेशन पूरी करने वाले कैंडिडेट्स मेडिकल कॉलेजों में दिल्ली कोटा के लिए एलिजिबल होते हैं जिसकी वजह से उन्हें डमी स्कूलो में एडमिशन के लिए इन्स्पायर किया जाता है. हालांकि, अब डमी स्कूलों को जांचा जाएगा. इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, “स्कूल और उच्च शिक्षा स्तरों पर प्रारंभिक मूल्यांकन की भूमिका और प्रभाव का आकलन किया जाएगा और यह देखा जाएगा कि उनकी अनुपस्थिति छात्रों की वैचारिक समझ और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी को कैसे प्रभावित करती है. पैनल गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा की बढ़ती मांग, प्रमुख संस्थानों में सीटों की सीमित उपलब्धता और कैसे असंतुलन छात्रों को कोचिंग संस्थानों की ओर ले जाता है, इसका भी विश्लेषण करेगा.”

अभिभावकों को भी किया जाएगा जागरुक

कई करियर मार्गों के बारे में छात्रों और अभिभावकों के बीच जागरूकता के स्तर का मूल्यांकन और कुछ विशिष्ट संस्थानों पर अत्यधिक निर्भरता पर इस जागरूकता की कमी के प्रभाव का मूल्यांकन; स्कूलों और कॉलेजों में करियर काउंसलिंग सेवाओं की उपलब्धता और प्रभावशीलता का आकलन करना तथा करियर मार्गदर्शन ढांचे को मजबूत करने के उपाय सुझाना, समिति के अन्य संदर्भ विषयों में से हैं. पैनल के अन्य सदस्यों में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के अध्यक्ष; स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा विभागों के संयुक्त सचिव; भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) त्रिची, आईआईटी कानपुर और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के प्रतिनिधि; और स्कूलों के प्रिंसिपल (केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और एक निजी स्कूल से एक-एक) शामिल होंगे. देश में कोचिंग सेंटर कई विवादों के केंद्र में रहे हैं और यह कदम छात्रों की आत्महत्या, आग की घटनाओं, कोचिंग संस्थानों में सुविधाओं की कमी के साथ-साथ उनके द्वारा अपनाई गई शिक्षण पद्धतियों के बढ़ते मामलों के बारे में सरकार को मिली शिकायतों के बाद उठाया गया है.

ये भी पढ़ें- 12वीं के बाद OffBeat Courses भी करने का है ऑप्शन, मोटी सैलरी के साथ ही मिलती हैं ये सुविधाएं

You may also like

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00