China Population: चीन अब उस मोड़ पर है जहां उसे अपनी जनसंख्या को बनाए रखने के लिए लोगों को आर्थिक रूप से प्रोत्साहित करना पड़ रहा है. लेकिन यह साफ है कि सिर्फ पैसा देकर इस सामाजिक चुनौती का हल नहीं निकाला जा सकता.
China Population: एक समय दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश कहलाने वाला चीन अब जनसंख्या संकट का सामना कर रहा है. घटती जन्म दर और बुजुर्ग होती आबादी ने वहां की सरकार को गंभीर चिंता में डाल दिया है. इसी के चलते चीन सरकार अब लोगों को ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन देने की नई रणनीति अपना रही है.
नए माता-पिता को आर्थिक मदद का वादा
2025 से चीन सरकार बच्चों के जन्म पर माता-पिता को नकद प्रोत्साहन देने की योजना शुरू कर रही है.एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सरकार हर साल माता को 3,600 युआन यानी लगभग ₹42,000 देगी, जो तीन साल तक जारी रहेगा, मतलब कुल राशि ₹1.26 लाख होगी. यह स्कीम 1 जनवरी 2025 के बाद पैदा होने वाले बच्चों पर लागू होगी.
राज्य सरकारों ने भी दिखाई सक्रियता

केंद्रीय योजना के साथ-साथ चीन के कई प्रांतों की राज्य सरकारें भी जन्म दर बढ़ाने के प्रयासों में जुट गई हैं. बता दें, इनर मंगोलिया के होहोट शहर में सरकार दूसरे बच्चे के लिए 50,000 युआन और तीसरे बच्चे के लिए 100,000 युआन देने की पेशकश कर रही है. हालांकि, चीन की स्टेट काउंसिल इंफॉर्मेशन ऑफिस ने अभी इन योजनाओं की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.
चीन की जनसंख्या लगातार घट रही है
2022 में पहली बार छह दशकों में चीन की आबादी में गिरावट दर्ज की गई. यह सिलसिला 2023 और 2024 में भी जारी रहा. 2023 में देश की कुल जनसंख्या 1.409 बिलियन थी, जो 2024 में घटकर 1.408 बिलियन रह गई. हालांकि गिरावट मामूली है, लेकिन इसके दीर्घकालिक प्रभाव बेहद गंभीर हो सकते हैं.
लोग क्यों नहीं चाहते ज्यादा बच्चे?
हाल ही में चीन में 1.44 लाख माता-पिता पर किए गए एक सर्वे में केवल 15 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे ज्यादा बच्चे पैदा करना चाहते हैं, जब उन्हें सरकार द्वारा 1,000 युआन की सब्सिडी की पेशकश की गई, तो यह आंकड़ा घटकर 8.5 प्रतिशत रह गया. इसका साफ मतलब है कि केवल आर्थिक मदद से लोगों की सोच में बदलाव नहीं लाया जा सकता. महंगाई, बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य खर्च जैसे कारक परिवारों को सीमित संतान की ओर प्रेरित कर रहे हैं.
अन्य देशों में भी नजर आ रही है यही समस्या
चीन की तरह जापान और दक्षिण कोरिया भी घटती जनसंख्या दर से परेशान हैं. कोरिया ने एक साल से कम उम्र के बच्चों के माता-पिता के लिए मासिक सब्सिडी को बढ़ाया, जिससे जन्म दर में 3.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ. बता दें, 2005 से जापान ने भी चाइल्ड केयर इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारी निवेश किया, जिससे उनकी प्रजनन दर में मामूली सुधार देखने को मिला.
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