Tibet All Dalai Lama List: दलाई लामा की परंपरा की शुरुआत गेदुन द्रुप (1391-1474) से मानी जाती है, जिन्हें मरणोपरांत पहले दलाई लामा के रूप में मान्यता दी गई.
Tibet All Dalai Lama List: तिब्बती बौद्ध धर्म के सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और राजनैतिक प्रतीक दलाई लामा का नाम विश्व भर में सम्मान के साथ लिया जाता है. दलाई लामा की परंपरा 14वीं शताब्दी से शुरू हुई और यह आज भी तिब्बती संस्कृति और धर्म का आधार बनी हुई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहले दलाई लामा कौन थे और इस परंपरा की शुरुआत कैसे हुई? आइए, तिब्बत के इन धर्मगुरुओं की पूरी सूची और उनके महत्व पर एक नजर डालते हैं.
पहले दलाई लामा बने थे गेदुन द्रुप
दलाई लामा की परंपरा की शुरुआत गेदुन द्रुप (1391-1474) से मानी जाती है, जिन्हें मरणोपरांत पहले दलाई लामा के रूप में मान्यता दी गई. गेदुन द्रुप तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुग स्कूल के एक प्रमुख विद्वान और भिक्षु थे. उन्होंने 1409 में जे सिखांपा द्वारा स्थापित गेलुग स्कूल में बौद्ध धर्म का गहन अध्ययन किया और तिब्बत में इस संप्रदाय को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हालांकि, उनके समय में “दलाई लामा” की उपाधि औपचारिक रूप से शुरू नहीं हुई थी. यह उपाधि तीसरे दलाई लामा, सोनम ग्यात्सो को 1578 में मंगोल शासक अल्तान खान द्वारा दी गई थी. इसके बाद गेदुन द्रुप और उनके उत्तराधिकारी गेदुन ग्यात्सो को मरणोपरांत क्रमशः पहले और दूसरे दलाई लामा की उपाधि दी गई.
दलाई लामा की परंपरा और चयन प्रक्रिया
दलाई लामा को तिब्बती बौद्ध धर्म में अवलोकितेश्वर (करुणा के बोधिसत्त्व) का अवतार माना जाता है. उनकी चयन प्रक्रिया पुनर्जन्म की मान्यता पर आधारित है. जब एक दलाई लामा का देहांत होता है, तो वरिष्ठ भिक्षु और धार्मिक नेता उनके पुनर्जन्म की खोज शुरू करते हैं. यह प्रक्रिया रहस्यमयी और आध्यात्मिक संकेतों पर आधारित होती है, जिसमें दैवज्ञों से परामर्श, दर्शन की व्याख्या, और विशेष संकेतों जैसे चिता के धुएं की दिशा या पवित्र झीलों में दर्शन शामिल हैं. संभावित बच्चे की पहचान के बाद उसे कठिन परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है, जैसे पिछले दलाई लामा की वस्तुओं को पहचानना. इसके बाद उसे बौद्ध दर्शन, संस्कृत, और तिब्बती संस्कृति की गहन शिक्षा दी जाती है.
दलाई लामाओं की सूची
तिब्बत में अब तक 14 दलाई लामा हो चुके हैं. यहाँ उनकी सूची दी गई है:
- गेदुन द्रुप (1391-1474)
- गेदुन ग्यात्सो (1475-1542)
- सोनम ग्यात्सो (1543-1588)
- योnten ग्यात्सो (1589-1617)
- लोबसांग ग्यात्सो (1617-1682)
- त्सांगयांग ग्यात्सो (1683-1706)
- केलजांग ग्यात्सो (1708-1757)
- जंपेल ग्यात्सो (1758-1804)
- लुंगटोक ग्यात्सो (1805-1815)
- त्सुलत्रिम ग्यात्सो (1816-1837)
- खेद्रुप ग्यात्सो (1838-1856)
- त्रिनले ग्यात्सो (1857-1875)
- थुबटेन ग्यात्सो (1876-1933)
- तेनज़िन ग्यात्सो (1935-वर्तमान)
वर्तमान दलाई लामा: तेनज़िन ग्यात्सो
वर्तमान 14वें दलाई लामा, तेनज़िन ग्यात्सो, का जन्म 6 जुलाई 1935 को उत्तरी तिब्बत के ताक्सतेर गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. दो वर्ष की आयु में उन्हें 13वें दलाई लामा के पुनर्जन्म के रूप में पहचाना गया. 1959 में चीनी शासन के खिलाफ तिब्बती विद्रोह के बाद वे भारत में निर्वासित हो गए और तब से हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रह रहे हैं. उन्होंने अहिंसा और शांति के लिए 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त किया.
15वें दलाई लामा की चर्चा
6 जुलाई 2025 को तेनज़िन ग्यात्सो 90 वर्ष के हो जाएंगे, और इस मौके पर उनके उत्तराधिकारी की घोषणा की अटकलें तेज हैं. उन्होंने संकेत दिया है कि 15वें दलाई लामा का चयन गादेन फोडरंग ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा, और यह प्रक्रिया चीन के हस्तक्षेप से मुक्त होगी. यह बयान तिब्बती समुदाय के लिए आशा की किरण है.
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