Home Religious आज का पांचांग, 17 जून 2025, जानिए शुभ-अशुभ मुहूर्त, तिथि, योग और करण आदि

आज का पांचांग, 17 जून 2025, जानिए शुभ-अशुभ मुहूर्त, तिथि, योग और करण आदि

by Rishi
0 comment
Aaj-ka-panchang-17-june-2025-

Aaj Ka Panchang: 17 जून 2025 को सूर्योदय सुबह 5:23 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 7:21 बजे होगा. इस दिन दिनमान 13 घंटे 57 मिनट 55 सेकंड और रात्रिमान 10 घंटे 2 मिनट 13 सेकंड रहेगा.

Aaj Ka Panchang: 17 जून 2025, मंगलवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार विशेष महत्व रखती है. यह तिथि विक्रम संवत 2082 के कालयुक्त संवत्सर के अंतर्गत आती है. इस दिन सूर्य मिथुन राशि में और चंद्रमा कुम्भ राशि में गोचर करेगा. नक्षत्रों की बात करें तो शतभिषा नक्षत्र दिन के प्रारंभ से लेकर रात्रि 1:01 बजे (18 जून) तक रहेगा, जिसके बाद पूर्व भाद्रपद नक्षत्र प्रारंभ होगा. यह दिन धार्मिक, ज्योतिषीय और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. आइए, इस दिन के पंचांग का विस्तृत विवरण देखें, जिसमें सूर्योदय, चंद्रोदय, शुभ-अशुभ समय, और अन्य ज्योतिषीय तथ्य शामिल हैं.

सूर्य और चंद्रमा का समय

17 जून 2025 को सूर्योदय सुबह 5:23 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 7:21 बजे होगा. इस दिन दिनमान 13 घंटे 57 मिनट 55 सेकंड और रात्रिमान 10 घंटे 2 मिनट 13 सेकंड रहेगा. चंद्रमा का उदय रात्रि 11:52 बजे होगा, और चंद्रास्त सुबह 10:49 बजे होगा. यह समय नई दिल्ली के स्थानीय समय के अनुसार है. चंद्रमा कुम्भ राशि में रहेगा और शतभिषा नक्षत्र के चारों चरणों में गोचर करेगा, जो सुबह 7:13 बजे प्रथम चरण, दोपहर 1:11 बजे द्वितीय चरण, और शाम 7:07 बजे तृतीय चरण में प्रवेश करेगा. रात्रि 1:01 बजे (18 जून) से शतभिषा का चतुर्थ चरण शुरू होगा, जिसके बाद पूर्व भाद्रपद नक्षत्र प्रारंभ होगा. सूर्य मिथुन राशि में मृगशिरा नक्षत्र के तृतीय चरण में रहेगा.

तिथि, नक्षत्र, योग और करण

इस दिन कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि दोपहर 2:46 बजे तक रहेगी, जिसके बाद सप्तमी तिथि शुरू होगी. शतभिषा नक्षत्र रात्रि 1:01 बजे (18 जून) तक प्रभावी रहेगा. योग की बात करें तो विष्कम्भ योग सुबह 9:34 बजे तक रहेगा, इसके बाद प्रीति योग शुरू होगा. करण में वणिज दोपहर 2:46 बजे तक और फिर विष्टि करण रात्रि 2:13 बजे (18 जून) तक रहेगा. इसके बाद बव करण प्रारंभ होगा. यह संयोजन धार्मिक कार्यों और ज्योतिषीय गणनाओं के लिए महत्वपूर्ण है.

शुभ और अशुभ समय

17 जून 2025 को कई शुभ मुहूर्त हैं, जो धार्मिक और मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त हैं. ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:03 बजे से 4:43 बजे तक रहेगा, जो ध्यान, पूजा और आध्यात्मिक कार्यों के लिए सर्वोत्तम समय है. प्रातः संध्या सुबह 4:23 बजे से 5:23 बजे तक, अभिजित मुहूर्त दोपहर 11:54 बजे से 12:50 बजे तक, विजय मुहूर्त दोपहर 2:42 बजे से 3:38 बजे तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 7:20 बजे से 7:40 बजे तक, सायाह्न संध्या शाम 7:21 बजे से 8:21 बजे तक, और अमृत काल शाम 5:53 बजे से 7:28 बजे तक रहेगा. निशिता मुहूर्त रात्रि 12:02 बजे से 12:42 बजे (18 जून) तक रहेगा. इसके अलावा, त्रिपुष्कर योग रात्रि 1:01 बजे (18 जून) से सुबह 5:23 बजे तक और रवि योग सुबह 5:23 बजे से रात्रि 1:01 बजे (18 जून) तक रहेगा.

वहीं, अशुभ समय की बात करें तो राहुकाल दोपहर 3:52 बजे से 5:36 बजे तक रहेगा, जिसमें कोई भी शुभ कार्य शुरू करना वर्जित है. यमगण्ड सुबह 8:53 बजे से 10:37 बजे तक, गुलिक काल दोपहर 12:22 बजे से 2:07 बजे तक, और वर्ज्य समय सुबह 8:22 बजे से 9:57 बजे तक रहेगा. दुर्मुहूर्त सुबह 8:11 बजे से 9:07 बजे तक और रात्रि 11:22 बजे से 12:02 बजे (18 जून) तक रहेगा. भद्रा दोपहर 2:46 बजे से रात्रि 2:13 बजे (18 जून) तक रहेगी, और इस दौरान भी शुभ कार्यों से बचना चाहिए. आडल योग सुबह 5:23 बजे से रात्रि 1:01 बजे (18 जून) तक प्रभावी रहेगा. बाण की बात करें तो मृत्यु बाण सुबह 9:09 बजे तक और अग्नि बाण इसके बाद पूरी रात्रि तक रहेगा.

अन्य ज्योतिषीय विवरण

इस दिन चंद्र मास आषाढ़ (पूर्णिमांत) और ज्येष्ठ (अमांत) रहेगा. विक्रम संवत 2082 कालयुक्त, शक संवत 1947 विश्वावसु, और गुजराती संवत 2081 नल रहेगा, बृहस्पति संवत्सर कालयुक्त 25 अप्रैल 2025 को दोपहर 3:07 बजे तक था, और अब सिद्धार्थी संवत्सर प्रारंभ हो चुका है. ऋतु ग्रीष्म और अयन उत्तरायण है, जो वैदिक और द्रिक दोनों दृष्टिकोण से लागू है. होमाहुति गुरु (बृहस्पति) को दी जाएगी, और दिशा शूल उत्तर दिशा में रहेगा, जिसके कारण इस दिशा में यात्रा से बचना चाहिए.

आनंदादि और तमिल योग

आनंदादि योग में मृत्यु योग रात्रि 1:01 बजे (18 जून) तक रहेगा, जो अशुभ माना जाता है. इसके बाद काण योग प्रारंभ होगा. तमिल योग में मरण योग रात्रि 1:01 बजे (18 जून) तक रहेगा, और नेत्रम योग में दो नेत्र रात्रि 1:01 बजे तक और फिर एक नेत्र रहेगा. पंचक पूरे दिन प्रभावी रहेगा, जिसके कारण कुछ विशेष कार्यों से बचना चाहिए.

ये भी पढ़ें..Ramayana Katha: इस श्राप के चलते मां सीता को हाथ भी ना लगा पाया था रावण, जानिए पौराणिक कथा का रहस्य

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?